मेरे पापा कहां खो गए
यह कहानी उस राजू की है जो अब बड़ा हो चुका है पढ़ाई पूरी करने के बाद अब वो एक इंजीनियर बन चुका है, बाप के सिर पर ना होने के कारण भी उसने अपने जीवन में आगे बढ़ना सीखा उसकी अकेली मां ने उसको बड़ी मुश्किल से पाल पोस कर बड़ा किया।
राजू जब 4 साल का था तो उसके पापा की हार्टअटैक के कारण मौत हो गई ,यह सब अपनी आंखों से देख कर वह नन्ना सा बच्चा राजू पूरी तरह से सहम चुका था, राजू हमेशा अपने पापा के साथ ही सोता था।
पापा के चले जाने के बाद राजू कई दिनों तक रोता रहा, अपनी मां को पूछता मम्मी पापा कहां गए कब आएंगे कहां खो गए मम्मा बोलती वह ऊपर बाबा जी के पास है, वह आ जाएंगे तुम सो जाओ बस यह दिलासा देती रहती, लेकिन राजू बच्चा था वह नहीं जानता था कि उसके पापा उसके पास कभी लौट कर नहीं आएंगे।
उसके पापा के चले जाने के बाद राजू अक्सर अपनी मम्मी को छत पर सोने के लिए बोलता,और उसकी मम्मी भी वैसा करती जैसा वह बोलता, छत पर सोते राजू अक्सर तारों की तरफ देखता रहता, और कभी कभी यह बोलता कि मम्मा उन तारों में से मेरा पापा वह है ना जो सबसे बड़ा तारा है।
कभी-कभी वह ऐसी बातें करता जिनको सुनकर उसकी मम्मी भी उदास हो जाती, वह पूरी कोशिश करती कि राजू को को उसके पापा का भी प्यार देनें की, एक दिन की बात है कि राजू अपने पापा की फोटो को चूमता हुआ अपनी तोतली आवाज में बोला, मम्मा यह देखो पापा ने भी मेरे किशी की।
यह सब सुनकर उसकी मां ने भी अपने आंसू छुपाते हुए राजू को गले लगा लिया किसी ने शायद ठीक ही कहा है कि बाप तो बाप होता है कई बच्चे ऐसे होते हैं जो अपने बाप के जाने के बाद बिगड़ जाते हैं।
निष्कर्ष
लेकिन राजू ने अपनी मम्मा की सारी परेशानियों को समझा, अगर आपको मेरी यह कहानी अच्छी लगी तो प्लीज नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करिएगा।